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Brahma Muhurtha Benefits- ब्रह्म मुहर्त में उठने के फायदे

ब्रह्म मुहर्त में उठने के फायदे (Benefits of Brahma Muhrat)

Brahm Muhurta, Brahm Muhurtham

ब्रह्म मुहर्त 24 घंटों के 30 मुहर्तों में सबसे उत्तम एवं शुभ मुहर्त होता है| यदि कोई व्यक्ति इस मुहर्त में उठकर कुछ विशेष कार्यशैली बना लें तो उसकी 90 प्रतिशत परेशानियां प्राकृतिक रूप से आपने आप ख़तम होने लगती हैं| हम आगे ब्रह्म मुहर्त में उठने से ध्यान लगाने के लाभ, बिमारिओं से छुटकारा, ब्रम्हरंध्र का सक्रिय होना, पीनियल ग्लैंड(तीसरी आँख) का खुलना जैसे विष्यों पर विस्तार से चर्चा करेंगे|

ब्रह्म मुहर्त का सम्य(Brahma Muhurta time):- ब्रह्म मुहर्त रात के चौथे पहर का मुहर्त होता है| इसका सम्य सुबह 4:24 मिनट से लेकर 5:12 मिनट तक भाव 48 मिनट का होता है| हमारे शास्त्र अनुसार 24 घण्टों में 30 मुहर्त होते हैं और इन 30 मुहर्तों में सबसे श्रेष्ठ और शुभ मुहर्त ब्रह्म मुहर्त होता है| हमारे ऋषि-मुनि इसी मुहर्त में उठकर ध्यान साधना करते थे| 

ब्रह्मरंध्रा सक्रिय( BrahmaRandhra Active):- इस मुहर्त की सबसे बड़ी विशेष्ता यह है कि इस सम्य उठने पर हमारा ब्रह्मरंध्रा सक्रिय हो जाता है|ब्रह्मरंध्रा हमारे मस्षिक के ऊपरी भाग के सूक्षम शिद्र को कहते हैं| हमारे ग्रंथों के अनुसार ऋषि-मुनि ध्यान और योग साधना के द्वारा अपनी कुंडलनी को जागृत कर उसकी शक्ति को ब्रह्मरंध्रा तक पहुंचा कर ब्रह्म अर्थात परमात्मा का साक्षात्कार करते थे| आम शब्दों में कहा जाए तो ब्रह्मरंध्रा ब्रह्म(परमात्मा) तक पहुँचने का रास्ता है| साधारण व्यक्ति के मृत्यु के सम्य उसके प्राण उसकी 9 इन्द्रिओं में से किसी एक इंद्री के द्वारा बाहर निकलते हैं और उसे फिर गर्भ के द्वारा जन्म लेना पड़ता है, मगर यदि कोई व्यक्ति ध्यान, योग और भक्ति द्वारा आपने ब्रह्मरंध्रा के द्वारा दसम द्वार(परमात्मा) तक पहुँच जाता है तो उसके प्राण ब्रह्मरंध्रा के द्वारा निकलते हैं, जिसे हम मोक्ष कहते हैं|
अब हम ब्रह्म मुहर्त के विष्य पर आते हैं कि इस मुहर्त पर ब्रह्मरंध्रा सक्रिय होने पर यदि हम ध्यान, मंत्र साधना, योग करते हैं तो हमारा ध्यान बहुत जल्द एकाग्रचित होने लगता है और हमारी कुंडलनी शक्ति ब्रह्मारंध्रा की तरफ उठने लगती है| इस सम्य यदि कोई विद्यार्थी उठकर पढ़ता है तो उसे बहुत जल्द याद होने लगता है और इस सम्य में पढ़ा हुआ जल्दी भूलता भी नहीं है|

बिमारिओं से छुटकारा:- हमने जैसे पहले पढ़ा है कि ब्रह्ममुहर्त में उठने से हमारा ब्रह्मरंध्रा सक्रिय होता है, उसका दूसरा फायदा यह है कि ब्रह्ममुहर्त में उठकर यदि हम एक गिलास पानी पीते  हैं तो हमारे शरीर से विषैले तत्त्व (Detoxification) बहुत तेज़ी से बाहर निकलते हैं| इस बात को विज्ञान भी प्रमाणित कर चुका है| इस सम्य ध्यान, योग, व्यायाम, प्राणायाम करने से हमारे शरीर की 90 प्रतिशत बीमारियां ऐसे ही ठीक हो जाती हैं और भविष्य में भी हम स्वस्थ रहते हैं|

पीनियल ग्रंथि का सक्रिय होना (Pineal Gland active):- यदि हम पीनियल ग्रंथि को तीसरी आँख भी बोल दें तो यह गलत नहीं होगा| पीनियल ग्रंथि ही हमारी बुद्धिमता स्तर(IQ Level) को ऊपर उठाती है|पीनियल ग्रंथि हमारे शरीर में दोनों दिमागों के बीच एक चावल के आकार की ग्रंथि होती है और इस ग्रंथि से एक मेटाटोनिन नामक द्रव्य का रिसाव होता है जो हमें ख़ुशी प्रदान करता है, यह ग्रंथि होती है जो हमारी भावनाओं पर नियंत्रण करती है| इसके बिगाड़ने पर व्यक्ति चिड़चिड़ा हो जाता है, उसको सही तरह से नींद भी नहीं आती है| जब कोई व्यक्ति किसी नशे का सेवन करता है तो उसके पीनियल ग्रंथि से मेलाटोनिन हार्मोन का अधिक रिसाव होने लगता है और यह हार्मोन उसे ख़ुशी प्रदान करते हैं और उसकी मानसिक परेशानी कम कर देती हैं, मगर नशे से इस हार्मोन का रिसाव होना बहुत हानिकारक होता है|नशे के व्यसनी व्यक्ति के नशा ना करने की सूरत में उसमें पर्याप्त मात्रा में मेलाटोनिन हार्मोन का रिसाव नहीं होता है, जिसके कारण उसका शरीर पीड़ा करने लगता है और वह डिप्रेशन जैसी बिमारी का शिकार हो जाता है| जब हम ब्रह्म मुहर्त में उठकर ध्यान, भक्ति, योग इत्यादि करते हैं तो हमारे पीनियल ग्लैंड से प्रकृतिक रूप से मेलाटोनिन हार्मोन का रिसाव होने लगता है, जिससे हमारा मन सारा दिन प्रसन्नचित रहता है और सांसारिक परेशानिओं से हम जल्दी विचलित नहीं होते हैं, जिसके कारण हम डिप्रेशन जैसी बिमारिओं से बचे रहते हैं|यह पीनियल ग्रंथि हमारी बौद्धस्तर (IQ Level) को बढ़ाती है, जिससे हमें कई रहस्यमई विष्यों का ज्ञात आपने आप होने लगता है|

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